चालीसा

Shiv Chalisa – संपूर्ण शिव चा‍लीसा, शिव जी के मंत्र, शिव चालीसा के लाभ और शिव चालीसा का पाठ कैसे करें?

 

Shiv Ji Ki Chalisa In Hindi
Shiv Chalisa Lyrics In Hindi

 

सावन महीना हो या शिवरात्रि हो या शिव जी का कोई त्‍यौहार है तो शिव पूजा के साथ शिव चालीसा करने से शिव जी जल्‍दी प्रसन्‍न होते है और आपकी आर्शीवाद देते हैं। शिव चालीसा से भगवान शिव की स्तुति की जाती है। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शिव चालीसा का उपासको द्वारा पाठ किया जाता है। भगवान् शिव चालीसा 40 चौपाइयों का संग्रह है। संत अयोध्यादास जी ने शिव चालीसा की रचना की थी। यहां हम आपको शिव चालीसा के बारे में बता रहे है, जिसे पढ़कर आप भगवान शिवजी की उपासन कर सकते है।

 

शिव चालीसा

॥ दोहा ॥

जय गणेश गिरिजा सुवन,
मंगल मूल सुजान ।
कहत अयोध्यादास तुम,
देहु अभय वरदान ॥

 

॥ चौपाई ॥

जय गिरिजा पति दीन दयाला ।
सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥

भाल चन्द्रमा सोहत नीके ।
कानन कुण्डल नागफनी के ॥

अंग गौर शिर गंग बहाये ।
मुण्डमाल तन क्षार लगाए ॥

वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे ।
छवि को देखि नाग मन मोहे ॥

मैना मातु की हवे दुलारी ।
बाम अंग सोहत छवि न्यारी ॥

कर त्रिशूल सोहत छवि भारी ।
करत सदा शत्रुन क्षयकारी ॥

नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे ।
सागर मध्य कमल हैं जैसे ॥

कार्तिक श्याम और गणराऊ ।
या छवि को कहि जात न काऊ ॥

देवन जबहीं जाय पुकारा ।
तब ही दुख प्रभु आप निवारा ॥

किया उपद्रव तारक भारी ।
देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी ॥

तुरत षडानन आप पठायउ ।
लवनिमेष महँ मारि गिरायउ ॥

आप जलंधर असुर संहारा ।
सुयश तुम्हार विदित संसारा ॥

त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई ।
सबहिं कृपा कर लीन बचाई ॥

किया तपहिं भागीरथ भारी ।
पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी ॥

दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं ।
सेवक स्तुति करत सदाहीं ॥

वेद नाम महिमा तव गाई।
अकथ अनादि भेद नहिं पाई ॥

प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला ।
जरत सुरासुर भए विहाला ॥

कीन्ही दया तहं करी सहाई ।
नीलकण्ठ तब नाम कहाई ॥

पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा ।
जीत के लंक विभीषण दीन्हा ॥

सहस कमल में हो रहे धारी ।
कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी ॥

एक कमल प्रभु राखेउ जोई ।
कमल नयन पूजन चहं सोई ॥

कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर ।
भए प्रसन्न दिए इच्छित वर ॥

जय जय जय अनन्त अविनाशी ।
करत कृपा सब के घटवासी ॥

दुष्ट सकल नित मोहि सतावै ।
भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै ॥

त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो ।
येहि अवसर मोहि आन उबारो ॥

लै त्रिशूल शत्रुन को मारो ।
संकट से मोहि आन उबारो ॥

मात-पिता भ्राता सब होई ।
संकट में पूछत नहिं कोई ॥

स्वामी एक है आस तुम्हारी ।
आय हरहु मम संकट भारी ॥

धन निर्धन को देत सदा हीं ।
जो कोई जांचे सो फल पाहीं ॥

अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी ।
क्षमहु नाथ अब चूक हमारी ॥

शंकर हो संकट के नाशन ।
मंगल कारण विघ्न विनाशन ॥

योगी यति मुनि ध्यान लगावैं ।
शारद नारद शीश नवावैं ॥

नमो नमो जय नमः शिवाय ।
सुर ब्रह्मादिक पार न पाय ॥

जो यह पाठ करे मन लाई ।
ता पर होत है शम्भु सहाई ॥

ॠनियां जो कोई हो अधिकारी ।
पाठ करे सो पावन हारी ॥

पुत्र हीन कर इच्छा जोई ।
निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई ॥

पण्डित त्रयोदशी को लावे ।
ध्यान पूर्वक होम करावे ॥

त्रयोदशी व्रत करै हमेशा ।
ताके तन नहीं रहै कलेशा ॥

धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे ।
शंकर सम्मुख पाठ सुनावे ॥

जन्म जन्म के पाप नसावे ।
अन्त धाम शिवपुर में पावे ॥

कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी ।
जानि सकल दुःख हरहु हमारी ॥

 

॥ दोहा ॥

नित्त नेम कर प्रातः ही,
पाठ करौं चालीसा ।
तुम मेरी मनोकामना,
पूर्ण करो जगदीश ॥

मगसर छठि हेमन्त ॠतु,
संवत चौसठ जान ।
अस्तुति चालीसा शिवहि,
पूर्ण कीन कल्याण ॥

 

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शिव जी के मंत्र

ॐ नमः शिवाय

* ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥

* ॐ नमो भगवते रुद्राय नमः

शिव गायत्री मंत्र : ॐ तत्पुरुषाय विद्महे, महादेवाय धीमहि, तन्नो रूद्र प्रचोदयात्।।

 

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शिव चालीसा का पाठ कैसे करें?
  • सुबह उठकर स्नान करें. साफ वस्त्र धारण कर शिव लिंग के सामने या मूर्ती के सामने आसन पर बैठ जाएं।
  • पूजा या चालीसा का पाठ करते समय मुंह उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए।
  • इसके बाद भोलेनाथ को चावल, कलावा ,सफेद चन्दन, धूप-दीप, पीले फूल की माला और 11 आक के फूल अर्पित करें।
  • गाय के शुद्ध घी का दीपक जलाएं और एक कलश जल भरकर रखें।
  • भोलेशंकर को प्रसाद के रूप में मिश्री का भोग लगाएं।
  • इसके बाद उल्टा बेलपत्र शिवलिंग पर अर्पित करें।
  • शास्त्रों के अनुसार एक दिन में शिव चालीसा का 3/5/11/21 या 108 बार पाठ करें. मान्यता है कि लगातार 40 दिन तक पूर्ण भक्ति भाव से शिव चालीसा पाठ करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
  • पाठ पूरा हो जाने पर जल को सारे घर में छिड़क दें और थोड़ा सा जल स्‍वयं पीयें और सबको भी दें।
  • मिश्री का प्रसाद सबमें बॉंटे और आप भी ग्रहण करें।

 

शिव चालीसा पढ़ने के फायदे

शिव जी को जल्‍दी प्रसन्‍न करने के लिए शिव चालीसा का प्रतिदिन पाठ करना चाहिए। जब मन में कोई भय होता है तब आप शिव चालीसा का जाप कर सकते हैं। शिव चालीसा का पाठ करने से पाठक के मन व शरीर से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। शिव चालीसा का रोजाना पाठ करने से ग्रहों के पड़ने बुरे प्रभाव से मुक्ति मिलती है और शत्रु बाधा से भी छुटकारा मिलता है। जातक को परेशानियों से निपटने की शक्ति मिलती है। इसके अलावा शिव चालीसा पढ़ने से बहुत से लाभ होते है।

 

शिव आरती के कुछ महत्‍वपूर्ण प्रश्‍न

प्र.1 महादेव को बुलाने का मंत्र क्या है?

उ. ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।

उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥

प्र.2 शिव से बड़ा भगवान कौन है?

उ. शैव मत के अनुयायी भगवान शिव को सर्वोपरि मानते हैं, तो वहीं वैष्णव मतावलम्बी श्री विष्णु को ही श्रेष्ठ मानते हैं।

प्र.3 भगवान शिव किसका ध्यान करते हैं?

उ. शिवपुराण में खुद भगवान शिव माता पार्वती को बताते हैं कि वह श्रीराम का ध्‍यान करते हैं।

प्र.4 शिव के अन्य नाम क्या है?

उ. शिव सभी को समान दृष्टि से देखते है और उन्‍हें देवों के देव माना जाता है इसलिये उन्हें महादेव कहा जाता है। शिव के कुछ प्रचलित नाम, महाकाल, आदिदेव, किरात, शंकर, चन्द्रशेखर, जटाधारी, नागनाथ, मृत्युंजय [मृत्यु पर विजयी], त्रयम्बक, महेश, विश्वेश, महारुद्र, विषधर, नीलकण्ठ, महाशिव, उमापति (पार्वती के पति), काल भैरव, भूतनाथ, त्रिलोचन (तीन नयन वाले), शशिभूषण आदि।

प्र.5 महादेव को सबसे प्रिय क्या है?

उ. भगवान शिव ऐसे देवता हैं जो बहुत ही जल्द प्रसन्न हो जाते हैं। भगवान शिव को बेलपत्र बहुत ही प्रिय है। बेलपत्र के अलावा कई ऐसे पत्ते होते हैं जिसे चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं।

 

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