आरती

Shani Dev Ki Aarti – जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी, आरती कीजै नरसिंह कुंवर की – शनि देव आरती

 

Shani Aarti In Hindi
शनि देव की आरती लिखित में

 

शनि देव जी सूर्य देव के पुत्र है, इसलिए उन्‍हें सूर्यपुत्र नाम से भी पुकारा जाता है। शनि देव जी न्‍यायप्रिय है। इसलिए शनि देव को न्‍याय के देवता भी कहा जाता है। शनिवार का दिन शनिदेव जी का‍ माना जाता है। शनिवार के दिन हनुमान जी की पूजा करने से भी शनिदेव प्रसन्‍न होते हैं। कोई भी पूजा आरती किए बिना संपन्‍न नहीं होती है। हम यहां शनिदेव जी की आरती के बारे में बता रहे है जिसे पढ़कर या गाकर अपनी पूजा संपन्‍न कर सकते हैं।

 

जय जय श्री शनिदेव – श्री शनिदेव की आरती

 

जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।

सूरज के पुत्र प्रभु छाया महतारी॥

॥ जय जय श्री शनिदेव..॥

 

श्याम अंग वक्र-दृष्टि चतुर्भुजा धारी।

नीलाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥

॥ जय जय श्री शनिदेव..॥

 

क्रीट मुकुट शीश रजित दिपत है लिलारी।

मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी॥

॥ जय जय श्री शनिदेव..॥

 

मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी।

लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी॥

॥ जय जय श्री शनिदेव..॥

 

देव दनुज ऋषि मुनि सुमरिन नर नारी।

विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी॥
॥ जय जय श्री शनिदेव..॥

॥बोलो शनि देव जी की जय॥

 

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 कीजै नरसिंह कुंवर की, श्री शनि देव की आरती

 

आरती कीजै नरसिंह कुंवर की ।

वेद विमल यश गाउँ मेरे प्रभुजी ॥

 

पहली आरती प्रह्लाद उबारे ।

हिरणाकुश नख उदर विदारे ॥

 

दुसरी आरती वामन सेवा ।

बल के द्वारे पधारे हरि देवा ॥

 

तीसरी आरती ब्रह्म पधारे ।

सहसबाहु के भुजा उखारे ॥

 

चौथी आरती असुर संहारे ।

भक्त विभीषण लंक पधारे ॥

 

पाँचवीं आरती कंस पछारे ।

गोपी ग्वाल सखा प्रतिपाले ॥

 

तुलसी को पत्र कंठ मणि हीरा ।

हरषि-निरखि गावे दास कबीरा ॥

॥बोलो शनि देव जी की जय॥

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शनि देव मंत्र

* ऊँ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्‍चराय नम:।

ऊँ शं शनैश्‍चराय नम:।

ऊँ निलान्‍जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्‍चरम।।

 

शनि आरती के कुछ महत्‍वपूर्ण प्रश्‍न

प्र.1 शनि देव जी का सबसे प्रचलित मंत्र कौन-सा है?

उ. ऊं शं शनैश्‍चराय नम:।

प्र.2 हनुमान जी की पूजा शनिवार के दिन करने से क्‍यों प्रसन्‍न होते है शनि देव जी?

उ. ऐसा कहा जाता है कि हनुमान जी ने शनिदेव जी को रावण के कैद से बचाया था तो शनिदेव जी ने कहा था कि जो भी शनिवार के दिन हनुमान जी की पूजा करेगा उस पर शनिदेव जी की कृपा बनी रहेगी।

प्र.3 शनि देव जी को और किस नाम से भी जाना जाता है?

उ. शनि देव जी को न्‍याय के देवता और कर्मों के फल देने वाले देवता के नाम से भी जाना जाता है।

प्र.4 शनिदेव जी किस भगवान के भक्‍त है?

उ. शनि देव जी भगवान शिव जी के परम भक्‍त है।

प्र.5 शनि देव का प्रभाव किसी व्‍यक्ति पर कैसे पड़ता है?

उ. शनि देव का प्रभाव किसी व्‍यक्ति पर उसके कर्मों से पड़ता है।

 

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