आरती

Santoshi Mata Ki Aarti – जय सन्तोषी माता, अपने सेवक जन की, सुख सम्पति दाता॥, सुन्दर चीर सुनहरी, मां धारण कीन्हो ।

 

संतोषी माता जी की आरती
Santoshi Mata Ki Aarti Lyrics in Hindi

 

संतोषी माता भगवान गणेश जी और ऋद्धी-सिद्धी जी की पुत्री है। मां संतोषी जी का व्रत भय से मुक्ति और घर में सुख शांति बनाये रखन के लिए किया जाता है। सप्‍ताह के पांचवे दिन यानि शुक्रवार को संतोषी माता जी के लिए व्रत रखा जाता है। महिलाएं संतोषी माता के सोलह शुक्रवार के व्रत रखती हैं। संतोषी माता जी की पूजा तब तक संपन्‍न नहीं होती जब तक आरती नहीं की जाती है। हम आपको संतोषी माता जी की आरती और मंत्र के बारे में बता रहे है जिसे गाकर आप संतोषी माता की पूजा संपन्‍न कर सकते है।

 

जय सन्तोषी माता – संतोषी माता जी की आरती

 

जय सन्तोषी माता, मैया जय सन्तोषी माता ।
अपने सेवक जन की, सुख सम्पति दाता ॥

जय सन्तोषी माता, मैया जय सन्तोषी माता ॥

सुन्दर चीर सुनहरी, मां धारण कीन्हो ।
हीरा पन्ना दमके, तन श्रृंगार लीन्हो ॥

जय सन्तोषी माता, मैया जय सन्तोषी माता ॥

गेरू लाल छटा छबि, बदन कमल सोहे ।
मंद हंसत करुणामयी, त्रिभुवन जन मोहे ॥

जय सन्तोषी माता, मैया जय सन्तोषी माता ॥

स्वर्ण सिंहासन बैठी, चंवर दुरे प्यारे ।
धूप, दीप, मधु, मेवा, भोज धरे न्यारे ॥

जय सन्तोषी माता, मैया जय सन्तोषी माता ॥

गुड़ अरु चना परम प्रिय, तामें संतोष कियो ।
संतोषी कहलाई, भक्तन वैभव दियो ॥

जय सन्तोषी माता, मैया जय सन्तोषी माता ॥

शुक्रवार प्रिय मानत, आज दिवस सोही ।
भक्त मंडली छाई, कथा सुनत मोही ॥

जय सन्तोषी माता, मैया जय सन्तोषी माता ॥

मंदिर जग मग ज्योति, मंगल ध्वनि छाई ।
विनय करें हम सेवक, चरनन सिर नाई ॥

जय सन्तोषी माता, मैया जय सन्तोषी माता ॥

भक्ति भावमय पूजा, अंगीकृत कीजै ।
जो मन बसे हमारे, इच्छित फल दीजै ॥

जय सन्तोषी माता, मैया जय सन्तोषी माता ॥

दुखी दारिद्री रोगी, संकट मुक्त किए ।
बहु धन धान्य भरे घर, सुख सौभाग्य दिए ॥

जय सन्तोषी माता, मैया जय सन्तोषी माता ॥

ध्यान धरे जो तेरा, वांछित फल पायो ।
पूजा कथा श्रवण कर, घर आनन्द आयो ॥

जय सन्तोषी माता, मैया जय सन्तोषी माता ॥

चरण गहे की लज्जा, रखियो जगदम्बे ।
संकट तू ही निवारे, दयामयी अम्बे ॥

जय सन्तोषी माता, मैया जय सन्तोषी माता ॥

सन्तोषी माता की आरती, जो कोई जन गावे ।
रिद्धि सिद्धि सुख सम्पति, जी भर के पावे ॥

जय सन्तोषी माता, मैया जय सन्तोषी माता ।
अपने सेवक जन की, सुख सम्पति दाता ॥

॥बोलाे संतोषी माता की जय॥ 

 

संतोषी माता जी के मंत्र

 

* श्री संतोषी देव्व्ये नमः

* जय माँ संतोषिये देवी नमो नमः

* ॐ श्री गजोदेवोपुत्रिया नमः

* ॐ संतोषी महादेव्व्ये नमः

* ॐ सर्वनिवार्नाये देविभुता नमः

* ॐ ललिताये नमः

* ॐ सर्वकाम फलप्रदाय नमः

 

मां संताषी जी के कुछ महत्‍वपूर्ण प्रश्‍न

प्र.1 संतोषी माता की पूजा में क्या क्या लगता है?

उ. मां संतोषी को सिंदूर, अक्षत, फूल और माला चढ़ाई जाती है और संतोषी माता को भोग में चना और गुड़ चढ़ाना शुभ माना जाता है, साथ ही केला भी चढ़ाना चाहिए।

 

प्र.2 संतोषी माता को क्या पसंद है?

उ. व्रत करने वाले को गुड़ व चने का भोग माता को अर्पित करना चाहिए क्‍योंकि माता संतोषी को गुड़ व चने का भोग अत्यंत प्रिय है। प्रसाद के रूप में इसे खुद भी खाना चाहिए।

 

प्र.3 संतोषी माता को कौन सा रंग पसंद है?

उ. ऐसा माना जाता है कि लाल और पीले वस्त्र संतोषी माता को पसंद हैं। इसलिए सुहागिन महिलाओं को मुख्‍य रूप से इन रंगों के कपड़े पहनकर पूजा करनी चाहिए।

 

प्र.4 संतोषी माता के व्रत में शाम को क्या खाएं?

उ. शुक्रवार व्रत के दिन खट्टे फल और सब्जी आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। शाम में एक समय भोजन ग्रहण करना चाहिए। आप इस दिन फल, दूध, गुड़, चना और हलवा आदि का सेवन कर सकते हैं।

 

प्र.5 संतोषी माता व्रत में कौन से फल खा सकते हैं?

उ. खट्टे फलों को छोड़कर आप कोई भी फल खा सकते हैं।

 

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