आरती

Shri Ramayan Aarti – आरती श्री रामायण जी की। कीरति कलित ललित सिय पी की॥ गावत ब्रहमादिक मुनि नारद।

 

Ramayan Ki Aarti
Aarti Sri Ramayan Ji ki In Hindi
Ramayan Aarti Lyrics In Hindi

 

रामायण राम जी के जीवन का महाकाव्‍य है। रामायण महाकाव्‍य अनेकों भाषाओं में लिखा गया है। वाल्मिकी जी की वाल्मिकी रामायण और तुलसीदास जी की रामचरित मानस दोनों ही प्रचलित रामायण है। श्रद्धालुजन अपने घर और जीवन की सुख शांति, सकारात्‍मकता और शुभता आदि के लिए रामायण पाठ करवाते हैं। रामायण पाठ के साथ रामायण की आरती भी की जाती है। तो हम यहां आपको रामायण की आरती की जानकारी दे रहे हैं। जिसे पढ़कर आप रामायण की आरती कर पाएंगे।

 

आरती श्री रामायण जी की – श्री रामायण जी की आरती

 

आरती श्री रामायण जी की।

कीरति कलित ललित सिय पी की॥

 

गावत ब्रहमादिक मुनि नारद।

बाल्मीकि बिग्यान बिसारद॥

शुक सनकादिक शेष अरु शारद।

बरनि पवनसुत कीरति नीकी॥

॥ आरती श्री रामायण जी की..॥

 

गावत बेद पुरान अष्टदस।

छओं शास्त्र सब ग्रंथन को रस॥

मुनि जन धन संतान को सरबस।

सार अंश सम्मत सब ही की॥

॥ आरती श्री रामायण जी की..॥

 

गावत संतत शंभु भवानी।

अरु घटसंभव मुनि बिग्यानी॥

ब्यास आदि कबिबर्ज बखानी।

कागभुशुंडि गरुड़ के ही की॥

॥ आरती श्री रामायण जी की..॥

 

कलिमल हरनि बिषय रस फीकी।

सुभग सिंगार मुक्ति जुबती की॥

दलनि रोग भव मूरि अमी की।

तात मातु सब बिधि तुलसी की॥

 

आरती श्री रामायण जी की।

कीरति कलित ललित सिय पी की॥

॥बोलो रामायण जी की जय॥

 

————–♦————–

 

रामायण जी के मंंत्र

 

सीता अनुज समेत प्रभु, नील जलद तनुश्याम।

मय हिय बसहु निरन्तर, सगुन रूप श्री राम।।

 

आदि राम तपोवनादि गमनं, हत्वा मृगं कांचनम्। वैदीहीहरणं जटायुमरणं, सुग्रीवसंभाषणम्।।
बालीनिर्दलनं समुद्रतरणं, लंकापुरीदाहनम्। पश्चाद् रावण कुम्भकर्ण हननम्, एतद्धि रामायणम्।।

 

नाम कामतरु काल कराला।

सुमिरत समन सकल जग जाला।।

राम नाम कलि अभिमत दाता।

हित परलोक लोक पितु माता।।

 

राम चरित चिंतामनि चारु।

संत सुमति तिय सुभग सिंगारु।।

जग मंगल गुनग्राम राम के।

दानि मुकुति धन धरम धाम के।।

 

————–♦————–

 

रामायण जी के कुछ महत्‍वपूर्ण प्रश्‍न 

प्र.1 रामायण का महामंत्र क्या है?

उ. आदौ राम तपोवनादि गमनं, हत्वा मृगं कांचनम्।

वैदीहीहरणं जटायुमरणं, सुग्रीवसंभाषणम्।।

बालीनिर्दलनं समुद्रतरणं, लंकापुरीदाहनम्।

पश्चाद् रावण कुम्भकर्ण हननम्, एतद्धि रामायणम्।।

 

प्र.2 रामायण का पुराना नाम क्या है?

उ. वा‍ल्मिकी द्वारा लिखित रामायण को वा‍ल्मिकी रामायण कहा जाता है और तुलसीदास जी द्वारा लिखित रामायण को रामचरितमानस कहा जाता है।

 

प्र.3 रामायण का पहला अध्याय कौन सा है?

उ. श्रीमद वाल्मीकि रामायण का प्रथम अध्याय “बालकाण्ड” है।

 

प्र.4 भारत में कुल कितने रामायण हैं?

उ. भारत में रामायण अलग-अलग भाषाओं में एक से ज्‍यादा लिखी गई है। इस प्रकार से भारत में बहुत सारी रामायण लिखी गई है।

 

प्र.5 रामायण की भाषा कौन सी है?

उ. रामायण को अलग-अलग भाषाओं में लिखा गया है। वाल्मिकी जी की रामायण संस्‍कृत भाषा में लिखी गयी है और तुलसीदास जी की रामचरितमानस अवधी भाषा में लिखी गयी है।

 

Our Website –

mpcareer.in – गवर्नमेंट और प्राइवेट जॉब्‍स की जानकारी

meribadhai.com – एक से बढ़कर एक बधाई और शुभकामनायें सन्देश

bharatyatri.com  – सभी यात्राओं और धर्मशालाओं की जानकारी

apniyojana.com – हर सरकारी योजना की सम्पूर्ण जानकारी

templatemanager.in – PEB / VYAPAM TEMPLATE बनाइए मात्र 10 Sec. में

 

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *