आरती

Shri Sita Mata Ji Ki Aarti – आरती श्री जनक दुलारी की। सीता जी रघुवर प्यारी की॥ जगत जननी जग की विस्तारिणी, नित्य सत्य साकेत विहारिणी

 

Sita Aarti With Lyrics In Hindi
Aarti Sita Mata Ki In Hindi

 

माता सीता जनक जी की पुत्री हैं इसलिए उन्‍हें जानकी कहा जाता है। माता सीता प्रभु राम जी की पत्नि हैं। धार्मिक कथाओं के अनुसार, फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की सीता अष्‍टमी के दिन माता सीता धरती से प्रकट हुई थी इसलिए यह दिन सीता जयंती के रूप में मनाया जाता है इस दिन माता सीता जी की राम जी सहित पूजा की जाती है। वैखाश मास की शुक्ल पक्ष की नवमी को सीता नवमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन माता सीता जी की पूजा करने का विशेष महत्‍व है। माता सीता जी की पूजा आरती के बिना पूरी नहीं होती है। हम यहां आपको माता सीता जी की आरती के बारे में बताने जा रहे इसे पढ़कर या गाकर आप माता सीता जी की पूजा संपन्‍न कर सकते हैं और मनचाहा आशीर्वाद प्राप्‍त कर सकते हैं।

 

आरती श्री जनक दुलारी की – श्री सीता माता जी की आरती

 

आरती श्री जनक दुलारी की।

सीता जी रघुवर प्यारी की॥

 

जगत जननी जग की विस्तारिणी,

नित्य सत्य साकेत विहारिणी,

परम दयामयी दिनोधारिणी,

सीता मैया भक्तन हितकारी की॥

 

आरती श्री जनक दुलारी की।

सीता जी रघुवर प्यारी की॥

 

सती श्रोमणि पति हित कारिणी,

पति सेवा वित्त वन वन चारिणी,

पति हित पति वियोग स्वीकारिणी,

त्याग धर्म मूर्ति धरी की॥

 

आरती श्री जनक दुलारी की।

सीता जी रघुवर प्यारी की॥

 

विमल कीर्ति सब लोकन छाई,

नाम लेत पवन मति आई,

सुमीरात काटत कष्ट दुख दाई,

शरणागत जन भय हरी की॥

 

आरती श्री जनक दुलारी की।

सीता जी रघुवर प्यारी की॥

॥बोलो सीता माता की जय॥

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सीता माता जी के मंत्र

 

श्री जानकी रामाभ्यां नमः।

 

श्री सीताय नमः।

 

ऊँ जनकाय विद्महे राम प्रियाय धीमहि, तन्नो सीता प्रचोदयात्।

 

श्रीराम सांनिध्यवशां-ज्जगदानन्ददायिनी।

उत्पत्ति स्थिति संहारकारिणीं सर्वदेहिनम्॥

 

उद्भव स्थिति संहारकारिणीं हारिणीम्।

सर्वश्रेयस्करीं सीतां नतोऽहं रामबल्लभाम्॥

 

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सीता माता जी की आरती के कुछ महत्‍वपूर्ण प्रश्‍न

 

प्र.1 सीता जी का असली नाम क्या है?

उ. राजा जनक की पुत्री होने के कारण इन्हे जानकी, जनकात्मजा अथवा जनकसुता भी कहते थे।

 

प्र.2 सीता माता की पूजा कैसे की जाती है?

उ. एक लकड़ी के पटिये पर पीला वस्त्र बिछाकर श्रीराम सहित माता सीता की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
अब आप भी आसन बिछाकर बैठ जाए।
फिर आप राम-सीता की प्रतिमा/ तस्‍वीर पर श्रृंगार की सामग्री चढ़ाएं।
फिर दूध, पुष्प, धूप, दीप एवं नैवेद्य अर्पित करके राम-सीता की संयुक्त रूप से पूजा करें।
इसके बाद आरती करें।(सीता माता जी की आरती ऊपर दी गई है)

 

प्र.3 सीता जी किसका रूप है?

उ. श्री राम जी भगवाना विष्‍णु जी का रूप हैं । तो माता सीता माता लक्ष्‍मी जी का रूप हैं।

 

प्र.4 माता सीता को कौन सा फूल चढ़ाना चाहिए?

उ. माता सीता को पीले फूल पसंद है इसलिए आप उन्‍हें पीले फूल चढ़ाएं हैं।

 

प्र.5 माता सीता जी के पति कौन है?

उ. राम जी माता सीता जी के पति है।

 

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