Makar Sankranti Puja Vidhi – मकर संक्रांति की पूजा विधि, मुहूर्त, दान, स्नान, महत्व और चमत्कारी उपाय
Makar Sankranti 2025 Puja Vidhi
Makar Sankranti Pooja Vidhi
मकर संक्रांति के बारे में
मकर संक्रांति हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। मकर संक्रांति एकमात्र ऐसा पर्व पूरे भारत में बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। मकर संक्रांति का पर्व पूरी तरह से भगवान सूर्य देव को समर्पित होता है। बहुत से लोग इस दिन भगवान सूर्यदेव की उपासना भी करते है। इस दिन लोग स्नान और दान करते है इसलिए पावन त्यौहार पर दान और स्नान का विशेष महत्व होता है। मकर संक्रांति के दिन किया गया स्नान, दान और दक्षिणा अधिक फलदायी होता है। ऐसा माना जाता है की इस दिन किया गया कोई भी अच्छा कार्य किसी भी और दिन की तुलना में 10 गुना अधिक फलदायी होता है। वैसे तो सभी लोग इस दिन का इंतजार बेहद उत्सुकता से करते हैं। चाहे वह किसी भी वर्गों के लोग हो। मकर संक्रांति के दिन खरमास समाप्त होता है और संक्रांति के दिन से शुभ कार्यो की शुरुआत होती है।
मकर संक्रांति को किस-किस नाम से जाना जाता है?
भारत के हर राज्य में मकर संक्रांति का पर्व को अगल-अलग नाम से अपने-अपने तरीके से मनाया जाता है। उत्तर प्रदेश और बिहार में मकर संक्रांति को खिचड़ी पर्व कहा जाता है। इस दिन ये लोग खिचड़ी बनाते, खाते और बांटते है। गुजरात और राजस्थान में मकर संक्रांति को उत्तरायण के नाम से जाना जाता है। इस दिन यहाँ के लोग गजक खाया और खिलाया जाता है। तमिलनाडु और केरल में मकर संक्रांति पोंगल के रूप में मानते है। महाराष्ट्र और इसके आसपास के क्षेत्रों में इसे मकर संक्रांति के नाम से मनाते है। पंजाब में मकर संक्रांति पर्व को लोहड़ी के रूप में मनाया जाता है।
मकर संक्रांति पर स्नान का महत्व
मकर संक्रांति का दिन इसलिए और ज्यादा खास हो जाता है क्योंकि इसी दिन से सूर्यदेवता धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करते है। इसलिए हम इसे मकर संक्रांति के रूप में मनाते है। मकर संक्रांति से रातें छोटी और दिन बड़े होने लगते है।
मकर संक्रांति के दिन गंगा, नर्मदा या अन्य नदी में स्नान करना बहुत अच्छा माना जाता है। इसके पीछे की भी एक पौराणिक कथा है। कहा जाता है मकर संक्रांति के दिन नदियों में स्नान करना शुभ होता है। पापों को नष्ट करने के लिए भी नदी में नहाना बहुत अच्छा माना जाता है।
मकर संक्रांति पर घर में स्नान कैसे करें?
इस दिन नहाने के पानी में तिल डालकर स्नान करें। यदि आप चाहे तो कुछ समय पहले सफेद तिल को सादे पानी में भिगोकर, फिर पीसकर उसका पेस्ट बनाकर लगाएं।
इस पेस्ट को अपने शरीर पर लगाकर स्न्नान करें।
मकर संक्रांति पर सूर्य देव की पूजा का महत्व
मकर संक्रांति के दिन भगवान सूर्य की पूजा पाठ का विशेष महत्व होता है और सूर्यदेव की उपासना भी की जाती है। मकर संक्रांति पर पुण्यकाल में गंगा स्नान करने के बाद तांबे के बर्तन में जल, सिंदूर, लाल फूल और काला तिल डाल कर उगते हुए सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए। ऐसा कहा जाता है की अगर इस दिन सूर्य देव की विशेष पूजा की जाए तो सूर्य देव प्रसन्न होकर आयु, यश, धन में वृद्धि करते है।
मान्यताओं के अनुसार है कि भगवान सूर्यदेव मकर संक्रांति के दिन अपने पुत्र शनि देव से मिलने के लिए जाते है। जब सूर्य देव पहली बार शनि देव के घर गए थे, तब शनि देव ने सूर्य देव का स्वागत काले तिल से किया था। जिससे भगवान सूर्यदेव बहुत प्रसन्न हुए।
मकर संक्रांति के दिन क्या दान करें?
आज के दिन तिल का दान करने से पापों से मुक्ति मिलती है। कम्बल, शुद्ध घी, गुड़, दूध-दही, खिचड़ी, गरम कपड़ा आदि का दान करना अति फलदायी होता है। ये सब चीजें गरीबों, जरूरतमंदो को दें। अगर आप खिचड़ी का दान करते है तो आपके कुड़ली में सूर्य, गुरु और चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है और परिवार में खुशियों आती है। मकर संक्रांति के दिन दान करने से सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिल जाएगी।
मकर संक्रांति कब है?
जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है तो उस दिन मकर संक्रान्ति मनाया जाता है। यह त्योहार जनवरी माह के 14 या 15 तारीख को ही पड़ता है, इस दिन सूर्य धनु राशि को छोड़ मकर राशि में प्रवेश करता है।
नोट:- इस बार इस त्योहार को लेकर बड़ा ही असमंजस है की यह त्योहार 14 या 15 तारीख को मनाया जाए। वैसे तो हम सब लोग 14 जनवरी को ही मकर संक्रान्ति का पर्व मनाते आ रहे है, और इस बार साल 2025 में भी मकर संक्रान्ति का पर्व 14 जनवरी को ही है। इस दिन सूर्य धनु राशि को छोड़ करके मकर राशि में जो सुबह 8:44 में प्रवेश करेंगे जो यह पंचांग के अनुसार है।
मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त
मकर संक्रान्ति पुण्य का शुभ मुहूर्त इस बार 14 जनवरी को सुबह 9:30 से शाम 5:46 तक होगा,
संक्रान्ति का महा पुण्य कल समय सुबह 9:03 मिनट से सुबह 10:48 तक का होगा इस बार लोहरी का पर्व जो की 13 जनवरी को मनाया जाएगा।
मकर संक्रांति की पूजन सामग्री:-
- चौकी
- भगवान सूर्य की फोटो
- लाल रंग कपड़ा
- दो लोटे जल(तांबे के लोटे)
- नारियल
- गेहूं
- लाल रंग की चावल
- दीपक
- गुड़ के प्रसाद
- मौसमी फल
- लाल चंदन
- गंध
- पुष्प
- धूप तथा नैवेद्य
- फूल
- कपूर,
- सूर्य चालीसा और सूर्य आरती की पुस्तक
मकर संक्रांति के दिन सूर्य की पूजा कैसे करें?
- मकर संक्रान्ति के दिन सूर्य देव की पूजा के लिए सुबह जल्दी उठें और यदि आप चाहे तो तो गंगा नदी में स्नान करें। यदि आप घर पर स्नान कर रहे हैं तो नहाने के पानी में गंगाजल मिलकर नहायें।
- ऐसा माना जाता है की अगर मकर संक्रांति के दिन यदि आप किसी नदी में स्नान करके वहां भगवन सूर्य को अर्घ्य देते हैं तो यह आपके लिए और भी ज्यादा लाभकारी होगा।
- यदि आप घर पर स्नान कर रहे हैं तो यदि आप घर में ही सूर्य को अर्घ्य दे रहे हैं तो घर की छत या बालकनी में खड़े होकर उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दें।
- स्नान करने के बाद तांबे के लोटे में लाल फूल और अक्षत मिलाकर सूर्य देव को जल चढ़ाये।
- हमेशा उगते सूरज को ही समय अर्घ्य दें और मकर संक्रांति के दिन जल में तिल जरूर मिलाएं।
- अपने दोनों हाथों की अंजलि के माध्यम से ही भगवान सूर्य को जल दे।
- जल चढ़ाने के बाद यदि आप सूर्य देव के मंत्रों का जाप करेंगे तो आपके लिए शुभ होगा।
- अगर हो सके तो इस दिन सूर्यदेव की उपासना जरूर करें। सूर्य पूजा के लिए मकर संक्रांति का दिन सबसे शुभ माना जाता है।
- ऐसा कहा जाता है सूर्य देव की पूजा में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण उन्हें अर्घ्य देना होता है।
- सूरज को अर्घ्य कभी भी पूर्व दिशा की ओर ही दे जिससे आपको सूर्य दिखाई देना चाहिए।
- सूर्य को अर्घ्य देते समय ऊँ सूर्याय नम:, ऊँ आदित्याय नम:, ऊँ नमो भास्कराय नम:। अर्घ्य समर्पयामि।। इस मंत्र का जाप करें।
- इसके बाद भगवान सूर्य को दोनों हाथ जोड़कर नमस्कार करें और सिर झुकाकर पूजा करें।
Surya Dev Ji Ki Aarti – ऊँ जय सूर्य भगवान, जय जय जय रविदेव, ऊँ जय कश्यप नन्दन
सूर्य मंत्र
ऊँ सूर्याय नम:, ऊँ आदित्याय नम:, ऊँ नमो भास्कराय नम:
ऊँ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्नो सूर्य: प्रचोदयात्
ऊँ घृणि सूर्याय नमः
मकर संक्रांति के चमत्कारी उपाय
पितृ दोष निवारण
मकर संक्रांति का दिन पितृ दोष निवारण लिए अच्छा माना जाता है। अगर आप पितृ दोष को दूर करना चाहते है इस दिन आप पवित्र नदियों में स्नान कर सकते हैं और अपने पूर्वजों को याद करने के लिए बहते पानी में काले तिल चढ़ा सकते हैं। इसलिए मकर सक्रांति के दिन गरीबों को काले तिल का दान कर सकते है। जिससे आपके पूर्वज आप पर प्रसन्न होंगे और अपना आशीर्वाद भी आपको देगें।
बुरी नजर से बचने के लिए
अगर आप बुरी नजर से छुटकारा पाना चाहते है तो आप मकर सक्रांति के दिन नहाने के पानी में तिल डालकर स्नान कर सकते है। अगर हो सके तो आप कुछ समय पहले तिल को सादे पानी में भींगो दे और उसका पेस्ट बनाकर लगाएं। ये तिल आपको बुरी नजर से बचाता है।
कर्ज से मुक्ति
अगर आप कर्ज से मुक्ति पाना चाहते है तो से मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव को अर्घ्य देते समय एक तांबे के लोटे में जल ले और उसमे कुछ काले तिल डाल के अर्घ्य दें। अगर हो सके तो आप एक मुट्ठी तिल को कपड़े में बांधकर पीपल के पेड़ के नीचे की मिट्टी खोदकर उस पर औषधि लगा दें तो ऐसे उपाय करने से आपका कर्ज कम हो जाएगा।
धन लाभ और वृद्धि
अगर आप अपने धन में लाभ और वृद्धि चाहते है तो मकर संक्रांति की रात को तिल को लाल कपड़े में लपेटकर या फिर पोटली बनाकर सूर्य देव को चढ़ाया जाता है। अगर आप भगवान सूर्य को चढ़ाए गए तिल को अपने तिजोरी में रखते हैं तो आपके खर्चे कम होंगे और कभी भी आपको धन के वजह से समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा।
घी का सेवन
अगर आप मकर संक्रांति के दिन घी का सेवन करते है जिससे बहुत ही अच्छा माना जाता है। मकर संक्रांति के दिन लोग खिचड़ी और घी का सेवन जरूर करते हैं। मकर संक्रांति के दिन घी का सेवन करने से परिवार में सुख, समृद्धि मिलेगी और आपके यश और वैभव में वृद्धि होगा।
मनोकामना करें सिद्ध
मकर संक्रांति के दिन को मनोकामना सिद्ध का दिन माना जाता है। इस दिन सूर्य देव धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करते हैं। इस दिन आप पवित्र नदी में स्नान करें और उन्हें लाल चंदन, लाल फूल, अक्षत, गुड़ और तिल से सूर्य भगवान को अर्घ्य दें। इस उपाय को करने से भगवान सूर्यदेव न केवल आपसे प्रसन्न होंगे बल्कि आपकी सभी मनोकामना को पूरा भी करते है।
काला तिल मिलाकर स्नान
मकर संक्रांति के दिन काला तिल मिलाकर स्नान करने से भगवान शानिदेव की कृपा हमेशा आप पर बनी रहती है। ऐसा माना जाता है इस दिन ऐसा करने से आपको अश्वमेध यज्ञ करने के सामान फल की प्राप्ति होती है।
मकर संक्रांति के दिन लोग क्या करते है?
इस दिन लोग तिल और गुड़ का बना हुआ लड्डू खाते है और पतंग उड़ाते है। मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाना शुभ माना जाता है। कथाओं के अनुसार मकर संक्रांति के दिन भगवन श्रीराम में पतंग उड़ाई थी जो इन्द्र्लोक पंहुच गयी थी। यही कारण से इस दिन पतंग उड़ाई जाती है।
मकर संक्रांति के कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न
प्र.1 मकर संक्रांति की पूजा कैसे करते हैं?
उ. मकर संक्रांति की पूजा विधि ऊपर बताई गई है।
प्र.2 मकर संक्रांति के दिन क्या खाया जाता है?
उ. मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी और तिलकुट खाया जाता है। जो की बहुत ही शुभ माना जाता हैं।
प्र.3 मकर संक्रांति पर क्या करें?
उ. मकर संक्रांति के दिन गंगाजी में स्नान और दान करें इस दिन इसका विशेष महत्व होता है।
प्र.4 मकर संक्रांति के दिन क्या नहीं करना चाहिए?
उ. मकर संक्रांति के दिन बिना स्नान किए भोजन नहीं करना चाहिए। इस विशेष दिन पर मांस, मछली और अंडे खाने से बचना चाहिए।
प्र.5 मकर संक्रांति के दिन कौन सा दान करना चाहिए?
उ. मकर संक्रांति के दिन काले तिल का दान करना चाहिए।
Surya Dev Ji Ki Aarti – ऊँ जय सूर्य भगवान, जय जय जय रविदेव, ऊँ जय कश्यप नन्दन
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