मौनी अमावस्या 2025 – तिथि, मुहूर्त, व्रत और स्नान विधि, दान, महत्त्व, कथा, मौनी अमावस्या पर क्या करें, क्या ना करें

 

Mauni Amavasya 2025 In Hindi
Mauni Amavasya Time
Mauni Amavasya 2025 In Hindi

 

मौनी अमावस्या के बारे में

वैसे तो अमावस्या हर महीने में आती है जो बहुत ही खास होती है लेकिन कुछ अमावस्या बहुत ही ज्यादा विशेष मानी जाती है। इन्ही अमावस्या में से एक है मौनी अमावस्या जो बहुत ही विशेष होती है जिसे माघी अमावस्या कहते है, क्योंकि यह अमावस्या माघ महीने में होती है। यह दिन विशेष रूप से साधना, ताप और दान के लिए महत्वपूर्ण होता है। सनातन धर्म में माघ महीने को महात्माओं का महिना माना जाता है जो बहुत पवित्र और फलदायी होता है। ये महिना पित्र देवों को प्रसन्न करने के लिए बहुत ही उतम होता है।

 

मौनी अमावस्या का महत्व

मौनी अमावस्या के दिन का महत्व धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यधिक होता है। इस अमावस्या का महत्व इसलिए अधिक है क्योंकि इसें शांति, साधना और आत्मा के शुद्धी के दिन के रूप में मनाया जाता है। इस दिन विशेष रूप से मौन व्रत रखने की परम्परा है। जहाँ व्यक्ति चुपचाप बिना बोले केवल अपने भीतर के आत्मसंवाद और ईश्वर ध्यान में मग्न रहते है। यह दिन मानसिक शांति और आत्म निरिक्षण तपस्या का होता है। इस दिन मौन रहने आत्मबल बढता है और मुनि पद की प्राप्ति होती है जो व्यक्ति प्रातकाल में उठकर स्नान और दान करता है तो उसे विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।

 

मौनी अमावस्या कब है?

मौनी अमावस्या एक विशेष तिथि है जो हिन्दू कैलेण्डर के अनुसार माघ मास के अमावस्या को मनाई जाती है।

अमावस्या तिथि प्रारम्भ:- 28 जनवरी 2025 शाम 07:40 बजे से

अमावस्या तिथि समापन:- 29 जनवरी 2025 शाम 06:05 बजे से तक

लेकिन 2025 में मौनी अमावस्या 29 जनवरी बुधवार के दिन मनाई जाएगी।

नोट:- लेकिन इस बार माघ महीने के मौनी अमावस्या 29 जनवरी बुधवार का दिन बहुत ही खास है क्योंकि इस बार प्रयागराज में मौनी अमावस्या के दिन ही तीसरा शाही स्नान भी है। वैसे तो मौनी अमावस्या महाकुंभ का सबसे बड़ा स्नान माना जाता है। शास्त्रों में ऐसा कहा गया है की महाकुंभ और मौनी अमावस्या का संयोग सबसे ज्यादा फल देने वाला कहा जाता है।

 

मौनी अमावस्या का व्रत कैसे करें?
  • इस दिन प्रातःकाल मौन रहकर संगम स्नान या किसी पवित्र नदी में स्नान करते हैं।
  • अगर नदी में स्नान करना संभव नहीं है, तो घर में नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगाजल डालकर स्नान करें।
  • स्नान करने के बाद तांबे के लोट में जल, फूल, रोली, अक्षत, गुड़ डालकर सूर्यदेव को अर्घ्य देना चाहिए।
  • अपने घर की मंदिर की सफाई करें।
  • इस दिन भगवान विष्णु पूजा करें।
  • आप व्रत निर्जल या फलाहार कर सकते है।
  • फिर अगले दिन प्रातःकाल उठकर पूजापाठ करके पारण कर सकते है।

 

मौनी अमावस्या के दिन क्या करना चाहिए?

मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत, स्नान और विभिन्न प्रकार की दान करना चाहिए। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से बहुत ही ज्यादा हमें पुण्य प्राप्त होता है। माघी अमावस्या के दिन गंगा का जल अमृत के समान होता है इसलिए यदि हो सके तो आप किसी भी पवित्र नदी या गंगा में स्नान अवश्य रूप से करें। इस दिन पितरों के तर्पण, पूजा और दान करना चाहिए जिससे पितृ प्रसन्न होते हैं और वे अपना आशिर्वाद भी हमें देते हैं। इस दिन व्रत रखने वाले को मुनियों के जैसा आचरण करना चाहिए इस दिन आप व्रत रख भी सकते या फिर बिना व्रत किये पूजन भी कर सकते है इस दिन हमें मौन व्रत का अधिक-से-अधिक पालन करना चाहिए जैसा की इसका नाम ही मौन अमावस्या इसलिए इसे मौनी अमावस्या कहा जाता है।

 

मौनी अमावस्या के दिन क्या-क्या दान करना चाहिए?

मौनी अमावस्या के दिन दान करना बहुत ही अच्छा माना जाता है। इस पावन दिन पर दान करने का विशेष लाभ मिलता है। मौनी अमावस्या के दिन क्या-क्या दान करना चाहिए? इसके बारे में नीचे बताया गया है जो इस प्रकार है:-

  • मौनी अमावस्या के दिन अन्न और धन का दान जरूर करें।
  • इस दिन आप चावल को अन्न के रूप में किसी गरीब या जरूरतमंदों को दान में दे सकते है।
  • इसके अलावा इस दिन सफेद तिल का दान भी कर सकते हैं।
  • आप मौनी अमावस्या के दिन दान के रूप आंवला भी दे सकते है। ऐसा माना जाता है की आंवला का दान से घर की आर्थिक परेशानियाँ दूर होती हैं।
  • तेल का दान बहुत ही अच्छा और फलादायी माना जाता है।
  • आप किसी जरूरतमंद या गरीब को अपनी सामर्थ्यनुसार कुछ पैसे भी दान के रूप में दे सकते हैं।
  • अगर हो सके तो तिल के लड्डू का भी दान कर सकते हैं।
  • अगर आप इस दिन कम्बल या फिर कोई कपड़ा के दान कर सकते है इस दिन इसका विशेष महत्व होता है।
  • अगर हो सके तो इस सोना, चाँदी का भी दान कर सकते है।

 

मौनी अमावस्या की कथा

प्राचीन समय में कांचीपुर नाम के एक गांव में एक ब्राह्मण रहता था जिसका नाम देवस्वामी था। उसकी पत्नी का नाम धनवती था। उनके सात लड़के और एक लड़की थी। उनकी लड़की का नाम गुणवती था। लड़की का विवाह करने का उम्र हो चुका था। अपने लड़की के विवाह के लिए देवस्वामी ने अपने लड़के को ज्योतिषी के पास कुंडली दिखाने के लिए भेजा।

उस ज्योतिष ने बताया कि गुणवती का विवाह होते ही वह विधवा हो जाएगी। गुणवती के माता-पिता इस बात के लिए बहुत दुखी हुए। उन्होंने ज्योतिषी से इस समस्या का समाधान पूछा। तब ज्योतिषी ने बताया कि सिंहल द्वीप में एक पतिव्रता महिला रहती है जो धोबिन है और जिसका नाम सोमा है। अगर वह गुणवती का विवाह होने से पहले सोमा उनके घर आकर पूजा करे तो यह दोष दूर हो जाएगा।

देवस्वामी ने अपनी पुत्री गुणवती को अपने सबसे छोटे पुत्र के साथ सिंहल द्वीप भेज दिया। दोनों भाई-बहन समुद्र के किनारे पहुंचकर उसे पार करने के बारे में विचार करने लगे। जब उन्हें कोई रास्ता नहीं मिला तो वे भूखे-प्यासे एक पीपल के पेड़ के नीचे आराम करने लगे। उस पेड़ पर एक गिद्ध रहता था। उस गिद्ध के बच्चों ने उस भाई-बहन की सारी बातें सुन लीं।

गिद्ध के बच्चों ने अपनी मां से कहा कि आप इन दोनों की मदद करो। गिद्ध की मां ने दोनों भाई-बहनों को समुद्र पार करवा दिया। तब गुणवती और उसका भाई सोमा धोबिन के घर पहुंचे। सोमा धोबिन ने उनकी सारी समस्या सुनीं और उनकी मदद करने के लिए तैयार हो गईं। तब सोमा धोबिन गुणवती के विवाह से पहले गुणवती के घर आकर पूजा की। इससे गुणवती का विवाह संबंधित समस्या दूर हो गया।

 

मौनी अमावस्या के दिन ऐसे करें उपाय

इस बार मौनी अमावस्या के दिन बेहद शुभ संयोग बन रहे हैं, जिससे इस बार के मौनी अमावस्या का महत्व और अधिक बढ़ गया है। इस दिन कुछ छोटे-छोटे उपाय करके आप अपने जीवन कुछ समस्याओं को दूर कर सकते है। इसके बारे में नीचे बताया गया है जो इस प्रकार है:-

कालसर्प दोष उपाय – अगर आपको कालसर्प का दोष है। तो आप मौनी अमावस्या के दिन किसी विद्वान पंडित की मदद से अपने हाथों से शिव अभिषेक करें। जिससे आपका यह दोष दूर हो सकता है।

पितृ दोष उपाय – अगर आपके कुंडली में पितृ दोष की समस्या है तो आप मौनी अमावस्या के दिन किसी विद्वान पंडित की मदद से पितरों के नाम तर्पण करें और ब्राह्मणों को भोजन कराये। इसके अलावा आप पितृ सूक्त का पाठ करें। जिससे पितृ दोष कुछ कम हो सकता है।

मौनी अमावस्या के कुछ महत्‍वपूर्ण प्रश्‍न

प्र.1 मौनी अमावस्या में क्या किया जाता है?

उ. मौनी अमावस्या पर मौन रहकर स्नान और दान करने का महत्व है।

प्र.2 मौनी अमावस्या पर किस भगवान की पूजा की जाती है?

उ. मौनी अमावस्या के दिन लोग अपने पूर्वजों के साथ भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा करते हैं।

प्र.3 मौनी अमावस्या के दिन क्या नहीं करना चाहिए?

उ. मौनी अमावस्या के दिन तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए इसके अलावा इस दिन झूठ नहीं बोलना चाहिए।

प्र.4 अमावस्या के दिन भोजन में क्या बनाना चाहिए?

उ. इस दिन खीर, पूरी और सात्विक आहार बना सकते हैं।

प्र.5 अमावस्या के दिन कौन सा दान नहीं देना चाहिए?

उ. इस दिन नुकीली चीजों जैसे चाकू, छुरी, सुई या कैंची जैसी चीजों का दान नहीं करना चाहिए।

 

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