Saraswati Vandana :- 8 सुमधुर सरस्वती वंदना गाकर करें माँ सरस्वती को प्रसन्न, या कुन्देन्दुतुषारहारधवला ….
Man Saraswati Ki Vandana
Saraswati Ji Ki Vandana
सरस्वती माता को विद्या, वाणी, कला और संगीत की देवी कहा जाता है। वसंत पंंचमी पर सरस्वती देवी की पूजा की जाती है। मॉं सरस्वती जी वीणावादिनी है, इसलिए वसंत पंचमी पर सरस्वती वंदना गाकर भी देवी सरस्वती को प्रसन्न कर सकते हैं। स्कूलों में भी सरस्वती वंदना गायी जाती है। हम आपको कुछ सरस्वती वंदना के बारे में बताने जा जिसमें से आप कोई भी वंदना गाकर सरस्वती जी से प्रार्थना कर सकते है। सरस्वती पूजा में सरस्वती वंदना भी गायी जाती है।
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला – मां सरस्वती की वंदना
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता,
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता,
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥
शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं,
वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्।
हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्,
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्॥
हे शारदे मां हे शारदे माँ – सरस्वती वंदना
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
अज्ञानता से हमें तारदे माँ ॥
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
अज्ञानता से हमें तारदे माँ ॥
तू स्वर की देवी, ये संगीत तुझसे,
हर शब्द तेरा है, हर गीत तुझसे ।
हम है अकेले, हम है अधूरे
तेरी शरण हम, हमें प्यार दे माँ ॥
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
अज्ञानता से हमें तारदे माँ ॥
मुनियों ने समझी, गुनियों ने जानी,
वेदोंकी भाषा, पुराणों की बानी ।
हम भी तो समझे, हम भी तो जाने
विद्या का हमको अधिकार दे माँ ॥
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
अज्ञानता से हमें तारदे माँ ॥
तू श्वेतवर्णी, कमल पर विराजे,
हाथों में वीणा, मुकुट सर पे साजे ।
मनसे हमारे मिटाके अँधेरे,
हमको उजालों का संसार दे माँ ॥
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ,
अज्ञानता से हमें तारदे माँ ॥
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
अज्ञानता से हमें तारदे माँ ॥
दया कर दान विद्या – मां सरस्वती वंदना
दया कर दान विद्या का,
हमे परमात्मा देना,
दया करना हमारी,
आत्मा में शुद्धता देना ॥
हमारे ध्यान में आओ,
प्रभु आँखों में बस जाओ,
अँधेरे दिल में आकर के,
परम ज्योति जगा देना ॥
बहा दो प्रेम की गंगा,
दिलों में प्रेम का सागर,
हमे आपस में मिलजुल के,
प्रभु रहना सीखा देना ॥
हमारा कर्म हो सेवा,
हमारा धर्म हो सेवा,
सदा ईमान हो सेवा,
वो सेवक चर बना देना ॥
वतन के वास्ते जीना,
वतन के वास्ते मरना,
वतन पे जा फ़िदा करना,
प्रभु हमको सीखा देना ॥
दया कर दान विद्या का,
हमे परमात्मा देना,
दया करना हमारी,
आत्मा में शुद्धता देना ॥
हे वीणा वादिनी – सरस्वती माता की वंदना
हे वीणा वादिनी सरस्वती
हंस वाहिनी सरस्वती
विद्या दायिनी सरस्वती
नारायणी नमोस्तुते
तू राह दिखाना मात मेरी
साथ निभाना मात मेरी
अँधियारा है अंतर मन
ज्योत जलना मात मेरी
ज्योत जलना मात मेरी
हे वीणा वादिनी सरस्वती
हंस वाहिनी सरस्वती
विद्या दायिनी सरस्वती
नारायणी नमोस्तुते
नारायणी नमोस्तुते
मन में करुणा भर देती
निष्पाप ह्रदय तू कर देती
भक्ति से तुझे पूजे जो
सुबह आस तू मन में भर देती
सुबह आस तू मन में भर देती
हे वीणा वादिनी सरस्वती
हंस वाहिनी सरस्वती
विद्या दायिनी सरस्वती
नारायणी नमोस्तुते
हे वीणा वादिनी सरस्वती
हंस वाहिनी सरस्वती
विद्या दायिनी सरस्वती
नारायणी नमोस्तुते
जयति जय जय माँ – सरस्वती वंदना
जयति जय जय माँ सरस्वती
जयति वीणा धारिणी ॥
जयति जय पद्मासन माता
जयति शुभ वरदायिनी
जयति जय जय माँ सरस्वती
जयति वीणा धारिणी ॥
जगत का कल्याण कर माँ
तुम हो वीणा वादिनी
जयति जय जय माँ सरस्वती
जयति वीणा धारिणी ॥
कमल आसन छोड़ कर आ
देख मेरी दुर्दशा मां
जयति जय जय माँ सरस्वती
जयति वीणा धारिणी ॥
ग्यान की दरिया बहा दे
हे सकल जगतारणी
जयति जय जय माँ सरस्वती
जयति वीणा धारिणी ॥
माँ शरदे हो मैया – सरस्वती वंदना
माँ शरदे माँ शरदे हो मैया हम तो है बालक तेरे,
माँ शरदे माँ शरदे हो मैया हम तो है बालक तेरे ॥
तू है दयालु बड़ी माँ वीणा पानी,
करती दया हो सब पे आंबे भवानी,
मैया विद्या का आके हम को भी भण्डार दे,
माँ शरदे माँ शरदे हो मैया हम तो है बालक तेरे ॥
करदो हमारी आज माँ पूरी आशा,
कब से है शर्मा तेरे दर्शन को प्यासा,
मैया दर्शन हमे भी आके माँ इक बार दे
माँ शरदे माँ शरदे हो मैया हम तो है बालक तेरे ॥
मांगे न लखा तुमसे दौलत खजाना,
साथ स्वरों का मुझे अमृत पिलाना,
मैया मेरी माता के जैकार बस प्यार दे
माँ शरदे माँ शरदे हो मैया हम तो है बालक तेरे ॥
माँ सरस्वती तेरे चरणों में – सरस्वती वंदना
माँ सरस्वती तेरे चरणों में,
हम शीश झुकाने आयें है ।
दर्शन की भिक्षा लेने को,
दो नयन कटोरे लाए हैं ॥
अज्ञान अंधेरा दूर करो और,
ज्ञान का दीप जला देना ।
हम ज्ञान की शिक्षा लेने को,
माँ द्वार तिहारे आए हैं ॥
हम अज्ञानी बालक तेरे,
अज्ञान दोष को दूर करो ॥
बहती सरिता विद्या की,
हम उसमें नहाने आए हैं ॥
हम साँझ सवेरे गुण गाते,
माँ भक्ति की ज्योति जला देना ।
क्या भेंट करु उपहार नहीं,
हम हाथ पसारे आए हैं ॥
माँ सरस्वती तेरे चरणों में,
हम शीश झुकाने आयें है ।
दर्शन की भिक्षा लेने को,
दो नयन कटोरे लाए हैं ॥
वर दे वीणावादिनि – सरस्वती वंदना
वर दे, वीणावादिनि वर दे,
प्रिय स्वतंत्र-रव अमृत-मंत्र नव,
भारत में भर दे ॥
काट अंध-उर के बंधन-स्तर,
बहा जननि, ज्योतिर्मय निर्झर,
कलुष-भेद-तम हर प्रकाश भर,
जगमग जग कर दे,
वर दे, वीणावादिनि वर दे,
प्रिय स्वतंत्र-रव अमृत-मंत्र नव,
भारत में भर दे ॥
नव गति, नव लय, ताल-छंद नव
नवल कंठ, नव जलद-मन्द्ररव,
नव नभ के नव विहग-वृंद को,
नव पर, नव स्वर दे,
वर दे, वीणावादिनि वर दे,
वर दे, वीणावादिनि वर दे,
प्रिय स्वतंत्र-रव अमृत-मंत्र नव
भारत में भर दे ॥
सरस्वती वंदना मंत्र
* ॐ श्री श्री महा सरस्वती देवी भगवती नम:।।
* या देवी सर्वभूतेषु विद्यारूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
* ॐ ह्रीं श्रीं सरस्वत्यै नमः।
ॐ ऎं सरस्वत्यै ऎं नमः।।
* वद वद वाग्वादिनी स्वाहा।।
* ॐ सरस्वती मया दृष्ट्वा, वीणा पुस्तक धारणीम्।
हंस वाहिनी समायुक्ता मां विद्या दान करोतु में ॐ।।
* सरस्वति नमस्तुभ्यं वरदे कामरूपिणि।
विद्यारम्भं करिष्यामि सिद्धिर्भवतु मे सदा।।
मॉं सरस्वती जी की आरती जानने के लिए यहॉं क्लिक करें।
मॉं सरस्वती वंदना के कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न
प्र.1 मां सरस्वती को क्या प्रसाद चढ़ाया जाता है?
उ. बसंत पंचमी के दिन शाही केसरिया भात (पीले रंग के मीठे चावल) का भोग लगाने से मां प्रसन्न होती हैं। इसके अलावा चने की दाल का हलवा, सूजी का पीले रंग का हलवा या फिर कोई मीठी चीज जो पीले रंग की हो जैसे बेसन या बूंदी के लड्डू आदि भी मां को भोग लगा सकते हैं।
प्र.2 सरस्वती माता को क्या चढ़ाएं?
उ. मॉंं सरस्वती जी काे पीला रंग अच्छा लगता है। आप मां सरस्वती को पीले चंदन और केसर का तिलक लगाएं। पीले या फिर सफेद रंग के फूलों को मां पर अर्पित किया जाता है, पीले रंग की साज-सज्जा की जाती है और पीले रंग के चावल माता को भोग लगाया जाता हैं। माना जाता है कि मां सरस्वती को पीले चावल बेहद अच्छे लगते हैं। आप पीली बूंदी का भोग भी लगा सकते है।
प्र.3 बुद्धि की देवी कौन है?
उ.सरस्वती जी को विद्या, संगीत और बुद्धि की देवी भी कहा गया है।
प्र.4 विद्या प्राप्ति के लिए कौन सा मंत्र पढ़ना चाहिए?
उ. सरस्वत्यै नमो नित्यं भद्रकाल्यै नमो नमः।
वेद वेदांत वेदांग विद्यास्तानेत्र्य एव च।
सरस्वती महाभागे विद्ये कमललोचने,
विद्यारूपे विशालाक्षी विद्यां देहि नमोस्तुते।
प्र.5 सरस्वती जी का दूसरा नाम क्या है?
उ. सरस्वती देवी को अन्य नाम जैसे शारदा, वीणावादिनी, वीणापाणि, भारती, हंसवाहिनी आदि कई नामों से जाना जाता है।
प्र.6 देवी सरस्वती जी के पति कौन है?
उ. देवी सरस्वती जी के पति भगवान ब्रह्मा जी है।
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