Shani Chalisa – शनि चालीसा, शनि देव मंत्र, शनि चालीसा के लाभ और शनि चालीसा का पाठ कैसे करें?
Shani Chalisa Path in Hindi
Shani Dev Mantra in Hindi
Benefits of Shani Chalisa in Hindi
शनि देव को न्याय के देवता भी कहा जाता है। शनि देव जी सूर्य देव के पुत्र है, इसलिए उन्हें सूर्यपुत्र नाम से भी पुकारा जाता है। शनि देव जी न्यायप्रिय है। शनिवार का दिन शनिदेव जी का माना जाता है। इस दिन शनि देव जी की पूजा करने से और शनि चालीसा पढ़ने से वह जल्दी से प्रसन्न होते है। शनिवार की शाम को पीपल के पेड़ को जल चढ़ाना चाहिए और सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए। शनिवार को हनुमान चालीसा पढ़ने से भी शनिदेव जी खुश होते हे और वे आपके कष्टों को भी नष्ट कर देते हैं। जिन पर शनि की साढ़े साती या ढय्या होती है उन्हें शनि चालीसा का पाठ करके शनि के प्रकोप से मुक्ति मिल जाती है।
दोहा
जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल।
दीनन के दु:ख दूर करि, कीजै नाथ निहाल।।
जय-जय श्री शनिदेव प्रभु, सुनहु विनय महाराज।
करहु कृपा हे रवि तनय, राखहु जन की लाज।।
चौपाई
जयति जयति शनिदेव दयाला।
करत सदा भक्तन प्रतिपाला।।
चारि भुजा, तनु श्याम विराजै।
माथे रतन मुकुट छबि छाजै।।
परम विशाल मनोहर भाला।
टेढ़ी दृष्टि भृकुटि विकराला।।
कुण्डल श्रवण चमाचम चमके।
हिय माल मुक्तन मणि दमके।।
कर में गदा त्रिशूल कुठारा।
पल बिच करैं अरिहिं संहारा।।
पिंगल, कृष्णो, छाया नन्दन।
यम, कोणस्थ, रौद्र, दुखभंजन।।
सौरी, मन्द, शनी, दश नामा।
भानु पुत्र पूजहिं सब कामा।।
जा पर प्रभु प्रसन्न ह्वैं जाहीं।
रंकहुॅं राव करैं क्षण माहीं।।
पर्वतहू तृण होई निहारत।
तृणहू काे पर्वत करि डारत।।
राज मिलत बन रामहिं दीन्हयो।
कैकेइहुँ की मति हरि लीन्हयो।।
बनहूँ में मृग कपट दिखाई।
मातु जानकी गई चुराई।।
लखनहिं शक्ति विकल करिडारा।
मचिगा दल में हाहाकारा।।
रावण की गति-मति बौराई।
रामचन्द्र सों बैर बढ़ाई।।
दियो कीट करि कंचन लंका।
बजि बजरंग बीर की डंका।।
नृप विक्रम पर तुहि पगु धारा।
चित्र मयूर निगलि गै हारा।।
हार नौलखा लाग्यो चोरी।
हाथ पैर डरवायो तोरी।।
भारी दशा निकृष्ट दिखायो।
तेलिहिं घर कोल्हू चलवायो।।
विनय राग दीपक महं कीन्हयों।
तब प्रसन्न प्रभु ह्वॅ सुख दीन्हयों।।
हरिश्चन्द्र नृप नारि बिकानी।
आपहुं भरे डोम घर पानी।।
तैसे नल पर दशा सिरानी।
भूंजी-मीन कूद गई पानी।।
श्री शंकरहिं गह्यो जब जाई।
पारवती को सती कराई।।
तनिक विलोकत ही करि रीसा।
नभ उड़ि गयो गौरिसुत सीसा।।
पाण्डव पर भै दशा तुम्हारी।
बची द्रौपदी होति उघारी।।
कौरव के भी गति मति मारयो।
युद्ध महाभारत करि डारयो।।
रवि कहँ मुख महँ धरि तत्काला।
लेकर कूदि परयो पाताला।।
शेष देव-लखि विनती लाई।
रवि को मुख ते दियो छुड़ाई।।
वाहन प्रभु के सात सुजाना।
जग दिग्गज गर्दभ मृग स्वाना।।
जम्बुक सिंह आदि नख धारी।
सो फल ज्येतिष कहत पुकारी।।
गज वाहन लक्ष्मी गृह आवैं।
हय ते सुख सम्पति उपजावैं।।
गर्दभ हानि करै बहु काजा।
सिंह सिद्धकर राज समाजा।।
जम्बुक बुद्धि नष्ट कर डारै।
मृग दे कष्ट प्राण संहारै।।
जब आवहिं प्रभु स्वान सवारी।
चोरी आदि होय डर भारी।।
तैसहि चारि चरण यह नामा।
स्वर्ण लौह चॉंदी अरु तामा।।
लौह चरण पर जब प्रभु आवैं।
धन जन सम्पत्ति नष्ट करावैं।।
समता ताम्र रजत शुभकारी।
स्वर्ण सर्व सर्व सुख मंगल भारी।।
जो यह शनि चरित्र नित गावै।
कबहुं न दशा निकृष्ट सतावै।।
अद्भुत नाथ दिखावैं लीला।
करैं शत्रु के नशि बलि ढीला।।
जो पण्डिल सुयोग्य बुलवाई।
विधिवत शनि ग्रह शांति कराई।।
पीपल जल शनि दिवस चढ़ावत।
दीप दान दै बहु सुख पावत।।
कहत राम सुन्दर प्रभु दासा।
शनि सुमिरत सुख होत प्रकाशा।।
दोहा
पाठ शनिश्चर देव को, की हों ‘भक्त’ तैयार।
करत पाठ चालीस दिन, हो भवसागर पार।।
शनि देव मंत्र
ऊँ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:।
ऊँ शं शनैश्चराय नम:।
ऊँ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम।।
शनि चालीसा का पाठ कैसे करें?
शनिवार के दिन शनि मंंदिर में शनि देव जी की अच्छी तरह से पूजा करें शनि देव जी पर काले तिल को सरसों के तैल में डालकर शनि देव जी के चरणों पर चढ़ाएं और सरसों के तैल का दीपक जलाकर शनि चालीसा का विधि विधान से श्रद्धाभाव और सच्चे विश्वास के साथ पाठ करें।
शनि देव मंत्र
ऊं शं शनैश्चराय नम:
शनि चालीसा के फायदे
शनि देव जी की चालीसा काे पढ़ने से और मंत्रों का जाप करने से शनि देव जी प्रसन्न होते है और आप शनि देव के प्रकोप से बच सकते है और वे आपकी मनोकामना को पूरा करते हैं।
शनि चालीसा के कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न
प्र.1 शनि देव जी का सबसे प्रचलित मंत्र कौन-सा है?
उ. ऊं शं शनैश्चराय नम:।
प्र.2 हनुमान जी की पूजा शनिवार के दिन करने से क्यों प्रसन्न होते है शनि देव जी?
उ. ऐसा कहा जाता है कि हनुमान जी ने शनिदेव जी को रावण के कैद से बचाया था तो शनिदेव जी ने कहा था कि जो भी शनिवार के दिन हनुमान जी की पूजा करेगा उस पर शनिदेव जी की कृपा बनी रहेगी।
प्र.3 शनि देव जी को और किस नाम से भी जाना जाता है?
उ. शनि देव जी को न्याय के देवता और कर्मों के फल देने वाले देवता के नाम से भी जाना जाता है।
प्र.4 शनिदेव जी किस भगवान के भक्त है?
उ. शनि देव जी भगवान शिव जी के परम भक्त है।
प्र.5 शनि देव का प्रभाव किसी व्यक्ति पर कैसे पड़ता है?
उ. शनि देव का प्रभाव किसी व्यक्ति पर उसके कर्मों से पड़ता है।
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